इतनी भरी ओलावृष्टि कि सड़क ही सफेद हो गई ….

यूपी के लखीमपुर जिले के तराई इलाके में बीती रात अचानक मौसम का मिजाज बदल गया और आसमान में काले बादल छा गए और फिर देखते ही देखते ही तेज हवाओं के साथ जमकर मूसलाधार बारिश होने लगी इसके साथ ही जमकर ओलावृष्टि शुरू हो गई वही इस बे मौसम बारिश और ओलावृष्टि से जहां मौसम में तब्दीली हो गई और एक बार फिर से गुलाबी ठंड महसूस होने लगी । लेकिन इस ओलावृष्टि से किसानों के माथे पर बल पड़ गए हैं क्योंकि ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान होने की संभावनाएं बढ़ गई है ।
गौरतलब है कि बीते शुक्रवार की देर शाम से मौसम में तब्दीली दिखाई देने लगी थी और फिर बी मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मुसीबतें बढ़ा दी है दरअसल जिले के भारत-नेपाल सीमा से सटे थारू क्षेत्र चंदन चौकी,संपूर्णानगर क्षेत्र के रानीनगर, मिर्चियां आदि गांवों में शनिवार को बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई है। सड़कों पर ओलों की सफेद चादर बिछी नजर आई। ओलावृष्टि से गेहूं ओर सरसों समेत कई फसलों को नुकसान हुआ है। जिसको लेकर किसान बेहद परेशान नजर आते दिख रहे हैं ओलावृष्टि होने से बागवानी की फसलें भी प्रभावित हुई है ।
लखीमपुर खीरी में हुई बरसात व ओलावृष्टि ने किसानों की पकी-पकाई फसल को नष्ट कर दिया है। 5 मिनट की ओलावृष्टि व तेज हवा ने सरसों व गेहूं की फसल बिछा दी है। ऐसे में किसान पक्की-पकाई फसल को बचाने के लिए चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि उनकी फसल खुले आसमान के नीचे खेतों में खड़ी हुई है। ओलावृष्टि व बरसात ने एक बार फिर किसानों के अरमान धो डाले।
किसानों पर टूटा कुदरत का कहर,
वहीं किसानों प्रेमपाल ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि हर बार फसल पकने के दिनों में मौसम खराब हो जाता है और ओलावृष्टि उनकी फसलों को बर्बाद कर देती है। किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्ज लेकर खेतों में बोई थी फसल सोचा था फसल बेचकर कर्ज उतार देंगे, लेकिन फिर उन पर कुदरत का कहर टूट पड़ा है। ऐसे में वे चाह कर भी अपनी फसलों को नहीं बचा सकते.
वही किसान छोटेलाल ने बताया कि बे मौसम हुईं बारिश से तराई क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है, सरसों गेहूं मसूर आलू जैसी फसल प्रभावित हुई है।
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