जेसीबी मशीन से कराई गई सिल्ट सफाई , या खानापूर्ति !

रिपोर्ट – हरिमाधव । हमीरपुर
उत्तर प्रदेश के जनपद हमीरपुर के किसानों को नहरों का पानी उनके खेतों तक पहुंचाने के लिए सरकार प्रति वर्ष रजवाहो और माइनरों की सिल्ट की सफाई कराई जाती है। ताकि माइनरों का पानी हेड से टेल तक पहुंच सके। लेकिन सिल्ट सफाई कार्य मे लगे सिंचाई विभाग के ठेकेदारों द्वारा सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई।
- रजवाहों और माइनरो की सिल्ट सफ़ाई के नाम पर की गई खानापूर्ति।
- जेसीबी मशीन से कराई गई सिल्ट सफाई के नाम पर ग्रामीणों ने खानापूर्ति का लगाया आरोप।
- किसानो की शिकायत के बाद भी हर साल सफाई के नाम पर जिम्मेदारों द्वारा खूब खेला जाता खेल।
वही मानक को दरकिनार कर माइनरो की साफ सफाई की गई। जनपद के राठ तहसील क्षेत्र में नहरो से निकली ग्राम पंचायत औड़ेरा, गल्हिया और अतरौलिया राठ, गिरवर, खिरिया आदि गांव की माइनरों की जेसीबी मशीन से सफाई के नाम पर खानापूर्ति की गई।
राजपूत, किसान , रामप्रकाश राजपूत, किसान , कैलाश कुमार, किसान , अखिलेश अहिरवार, किसान की गयी पत्रकार से वार्ता के दौरान सामने आया कि राठ क्षेत्र के अंतर्गत लगभग सभी माइनरों पर मानक को दरकिनार कर 100 से 200 मीटर तक सफाई का कार्य किया गया। इसके अलावा राठ तहसील क्षेत्र के अंतर्गत कुछ माइनरो की सफाई अभी शुरू नहीं हुई है। और नहर व माइनरों में पानी छोड़ दिया गया। जहां माइनरो में अभी भी बड़ी बड़ी झाड़ियां उगी हुई है।
जबकि बीते 4 दिन पूर्व जिलाधिकारी के निर्देश पर माइनरों की सफाई की जांच स्थानीय अधिकारियों द्वारा की गई थी। इसके बावजूद भी माइनरों की टेल तक सफाई नहीं की गई। किसानो ने सिंचाई विभाग और जिले के जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप लगाया है। किसानो का कहना है कि प्रत्येक वर्ष रजवाहो और माइनरों की सफाई के नाम पर खानापूर्ति करके शासन को करोड़ों रुपयों का चूना लगाया जाता है। और आरोप है कि समय पर नहरों व माइनरों में पानी न आने और टेल तक पानी न पहुंचने से किसानो के पलेवा नहीं हो पाते। जिससे किसानो में भारी आक्रोश है।
किसानो ने जिलाधिकारी से जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है। जबकि सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता का कहना है कि कम बजट के आधार पर सभी माइनरों की सफाई की गई है और अन्य माइनरों की पूर्ण सफाई का हवाला दिया जा रहा है।