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मुंबई का ताज होटल आतंकी हमला, जिसे 26/11 हमले के नाम से भी जाना जाता है, भारत के इतिहास में सबसे भयानक आतंकी घटनाओं में से एक है। यह हमला 26 नवंबर 2008 को हुआ था, जब पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई जगहों पर हमला किया, जिसमें ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय होटल, नरीमन हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST) स्टेशन शामिल थे।

 

हमले की प्रमुख घटनाएं:

 

1. आतंकियों का प्रवेश: आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचे। उन्होंने हथियार और गोला-बारूद के साथ कई जगहों पर घातक हमले किए।

 

2. ताज होटल पर कब्जा: ताज होटल में आतंकवादियों ने घुसकर कई लोगों को बंधक बना लिया। यह मुठभेड़ करीब 60 घंटे तक चली।

 

3. मृतकों की संख्या: इस हमले में कुल 166 लोग मारे गए और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। मृतकों में कई विदेशी नागरिक भी शामिल थे।

 

4. NSG ऑपरेशन: नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) और अन्य सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मार गिराने के लिए ऑपरेशन चलाया। आखिरी आतंकी को 29 नवंबर की सुबह मारा गया।

अजमल कसाब:

 

हमले के दौरान अजमल कसाब नामक एक आतंकी को जिंदा पकड़ा गया। कसाब ने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने की बात कबूली। उसे 2012 में फांसी की सजा दी गई। अजमल कसाब से पूरी साजिश के बारे में जानने के लिए उसे जिंदा रखना और उसके स्वास्थ्य का ख्याल करना बहुत जरूरी था । इसी लिए जब एक पुलिस कर्मी ने उसे मुसम्मी का जूस दिया तो उसे वह जूस इतना खट्टा और स्वादरहित लगा कि उसे लगा कि पुलिस ने उसके जूस में जहर मिला दिया है तो वह पुलिस से अपने ऊपर जाने की इजाजत भी मांगने लगा । 2012 में उसे फांसी दी गई ।

 

हमले के प्रभाव:

इस घटना ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों पर सवाल खड़े किए।

इसके बाद भारत ने अपनी समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी तंत्र को मजबूत किया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हमले की कड़ी निंदा हुई और पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने के आरोप लगे।

यह हमला न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी थी कि आतंकवाद से लड़ने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत है।

 

 

 

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