राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुचिरापल्ली ग्लोबल एलुमनाई मीट 2025 का आयोजन 4 जनवरी 2025 को होगा

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुचिरापल्ली (एनआईटी त्रिची) की निदेशक डॉ. जी. अघिला ने पूर्व छात्रों का वैश्विक सम्मेलन, ग्लोबल एलुमनाई मीट (जीएएम) 4 जनवरी, 2025 को चेन्नई में आयोजित किए जाने की घोषणा की है। इस कार्यक्रम का संचालन संस्थान के पूर्व छात्रों का समूह आरईसीएएल कर रहा है। पूर्व छात्र मिलन कार्यक्रम में आरईसी/एनआईटी त्रिची की समृद्ध विरासत कायम रखते हुए दुनिया भर से संस्थान के पूर्व छात्र जुटेंगे। पिछली बार ग्लोबल एलुमनाई मीट 2020 में आयोजित हुई थी।

 

930 से अधिक मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और 1,300 कंपनी संस्थापकों सहित 48,000 से अधिक पूर्व सफल छात्रों के नेटवर्क वाला एनआईटी त्रिची, प्रतिभा और नवाचार का शक्ति केंद्र माना जाता है। 2025 के ग्लोबल एलुमनाई मीट में कई प्रतिष्ठित पूर्व छात्र भाग लेंगे जिनमें कई बड़े औद्योगिक नेता शामिल हैं।

इसमें

टाटा समूह के अध्यक्ष श्री एन. चंद्रशेखरन मुख्य अतिथि होंगे।

तमिलनाडु के सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल सेवा मंत्री डॉ. पलानीवेल त्यागराजन सम्मानित अतिथि के रूप में आयोजन में शामिल होंगे।

गूगल में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मुख्य व्यवसायिक रणनीतिकार श्री गोपी कल्लयिल मुख्य भाषण देंगे।

चंद्रयान 3 के परियोजना निदेशक डॉ. पी वीरामुथुवेल और टाटा स्टील्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, टीवी नरेंद्रन सम्मानित अतिथि होंगे।

व्यापारिक जगत के इन प्रमुख प्रणेताओं के साथ ही एनआईटी तिरुचिरापल्ली के कई पूर्व छात्र अपनी उपलब्धियां साझा करेंगे और आपस में सहयोग और प्रभावशाली संबंध स्थापित करेंगे।

अनुसंधान एवं नवाचार केन्द्र का शुभारंभ

पूर्व छात्र मिलन कार्यक्रम 2025 में एनआईटी तिरुचिरापल्ली 20 एकड़ क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार केंद्र का शुभारंभ करेगा जो उद्यमिता और अंतःविषय अनुसंधान को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम है। इसमें एग्रीटेक, फिनटेक, स्पेसटेक, ग्रीनटेक, क्वांटम कंप्यूटिंग और आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस/मशीन लर्निंग जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस केंद्र पर 150 करोड़ रूपए का अनुमानित निवेश किया जाएगा जिसका उद्देश्य श्रेणी-2 के शहरों में नवाचार को गति प्रदान करना है।

छात्रों और पूर्व छात्रों की भागीदारी को सशक्त बनाना

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान तिरुचिरापल्ली की अभी चल रही पहल में एडॉप्ट-ए-स्टूडेंट प्रोग्राम, यात्रा अनुदान और प्रतिभा (एंडोमेंट) फंड शामिल हैं जिसमें योग्य छात्रों को सहायता दी जाती है। वहां रॉकफोर्ट वेंचर्स, साइंट लैब (इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में नवाचार केंद्र), और उद्यमिता विकास एवं ऊष्मायन केंद्र (सीईडीआई) है जो पूर्व छात्रों द्वारा संचालित कार्यक्रम है और उद्यमशील प्रतिभा को पोषित करने की एनआईटी त्रिची के समर्पण का उदाहरण है। संस्थान की चेयर प्रोफेसरशिप आरंभ करने और वैश्विक अनुसंधान सहयोग बढ़ाने की योजनाएं शैक्षणिक उत्कृष्टता और सतत विकास के प्रति संस्थान की प्रतिबद्धता दर्शाती हैं।

एनआईटी त्रिची की निदेशक डॉ. जी. अघिला ने बताया कि अनुसंधान और नवाचार केंद्र पूर्व छात्र और संस्थान के विद्यार्थियों के बीच मेंटरशिप, उद्योग-आधारित परियोजनाएं और जीवंत स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र के लिए औपचारिक मंच प्रदान करेगा। यह अनुसंधान बढ़ाने और उद्यमिता प्रतिभा को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

संस्थान के पूर्व छात्रों के आधिकारिक संघ आरईसीएएल के अध्यक्ष श्री के. महालिंगम ने कहा कि हमारा विशाल और कुशल पूर्व छात्रों का नेटवर्क मार्गदर्शन, वित्तपोषण और नवाचार का भंडार है। वैश्विक पूर्व छात्र मिलन 2025 हमारे पूर्व संस्थाऩ और उसके छात्रों के साथ सहयोग की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

एनआईटी तिरुचिरापल्ली के बारे में

एनआईटी तिरुचिरापल्ली को पहले रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज (आरईसी) के नाम से जाना जाता था। यह भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक है और लगातार देश में शीर्ष स्थान पर रहा है। इसमें 17 विषयों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रम चलाए जाते हैं। यह संस्थान वैश्विक नवाचार और उद्योग नेतृत्व में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है ।

 

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