पुलवामा आतंकी हमला (14 फरवरी 2019) : विस्तृत जानकारी ..

0
IMG_20250214_085757_436

14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसने पूरे भारत को झकझोर कर रख दिया। यह हमला भारतीय सुरक्षा बलों पर सबसे बड़ा आत्मघाती हमला था, जिसमें 40 सीआरपीएफ (केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल) जवान शहीद हो गए। इस हमले की ज़िम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली थी।

 

इस लेख में हम पुलवामा हमले से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं – हमले की योजना, घटना, आतंकवादी संगठन की संलिप्तता, भारत की प्रतिक्रिया, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया, बालाकोट एयर स्ट्राइक और इसके प्रभाव पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

 

1. हमले की पृष्ठभूमि

 

1.1 जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की स्थिति

 

1989 के बाद से, जम्मू-कश्मीर आतंकवाद का गढ़ बना हुआ था। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और हिजबुल मुजाहिदीन (HM) ने घाटी में हिंसा को बढ़ावा दिया। भारतीय सुरक्षा बल लगातार इन आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे थे, जिससे आतंकी संगठनों पर दबाव बढ़ा।

 

1.2 जैश-ए-मोहम्मद और भारत

 

जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान में स्थित एक आतंकी संगठन है, जिसकी स्थापना 2000 में मौलाना मसूद अजहर ने की थी। यह संगठन 2001 में भारतीय संसद हमले और 2016 के पठानकोट हमले में भी शामिल था।

 

2. पुलवामा हमला – क्या हुआ?

 

2.1 हमले का दिन: 14 फरवरी 2019

 

दोपहर करीब 3:15 बजे, सीआरपीएफ का एक काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था।

 

इस काफिले में 78 वाहन थे और करीब 2500 जवान यात्रा कर रहे थे।

 

पुलवामा के लेथपोरा इलाके में, 22 वर्षीय आदिल अहमद डार नामक आत्मघाती हमलावर ने 350 किलोग्राम विस्फोटकों से भरी एक कार सीआरपीएफ बस से टकरा दी।

 

धमाका इतना शक्तिशाली था कि बस पूरी तरह नष्ट हो गई और आसपास की अन्य गाड़ियों को भी नुकसान हुआ।

 

इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए और कई अन्य घायल हुए।

 

 

2.2 हमले के तुरंत बाद की स्थिति

 

धमाके के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

 

स्थानीय पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षाबल घटनास्थल पर पहुंचे।

 

पूरे क्षेत्र को सील कर दिया गया और हमले की जांच शुरू हुई।

 

जल्द ही जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली और एक वीडियो जारी किया जिसमें आदिल अहमद डार ने खुद को आत्मघाती हमलावर बताया।

 

3. हमले की जांच

 

3.1 आतंकवादियों की योजना

 

जांच में पाया गया कि हमले के लिए RDX और अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटकों का उपयोग किया गया था।

 

आदिल अहमद डार 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था।

 

आतंकियों ने पहले से ही विस्फोटकों से भरी कार को तैयार किया था।

 

कार का रास्ता पहले से निर्धारित था ताकि यह काफिले से टकरा सके।

 

 

3.2 राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की भूमिका

 

एनआईए ने जांच शुरू की और पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया।

 

जांच में पाया गया कि हमले की योजना पाकिस्तान में बैठकर बनाई गई थी।

 

भारतीय एजेंसियों ने हमले में शामिल आतंकवादियों को ट्रैक किया और कई आतंकियों को मुठभेड़ों में मार गिराया।

 

4. भारत की प्रतिक्रिया

 

4.1 राजनीतिक प्रतिक्रिया

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा की और कहा कि “इस बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।”

 

पूरे देश में आतंकवाद के खिलाफ गुस्से का माहौल बन गया।

 

सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा की।

 

 

4.2 बालाकोट एयर स्ट्राइक (26 फरवरी 2019)

 

हमले के जवाब में, भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की।

 

यह हमला 26 फरवरी 2019 को किया गया, जिसमें कई आतंकी ठिकाने नष्ट कर दिए गए।

 

यह पहली बार था जब भारतीय वायुसेना ने नियंत्रण रेखा (LoC) पार करके पाकिस्तान में हमला किया।

 

 

4.3 पुलवामा के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक कदम

 

भारत ने पाकिस्तान को दिए गए ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ (MFN) का दर्जा समाप्त कर दिया।

 

संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश बताया गया।

 

अमेरिका, फ्रांस, रूस और कई अन्य देशों ने हमले की निंदा की और भारत के साथ खड़े होने की बात कही।

 

5. अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

 

संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की कड़ी निंदा की।

 

अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया कि वह आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे।

 

फ्रांस और ब्रिटेन ने भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

 

फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखा और आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा।

 

6. हमले के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति

 

6.1 आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी

 

भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन तेज कर दिए।

 

पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी राशिद और अन्य आतंकियों को कुछ ही दिनों बाद मार गिराया गया।

 

 

6.2 अनुच्छेद 370 की समाप्ति (5 अगस्त 2019)

 

पुलवामा हमले के बाद, भारत सरकार ने कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए कठोर कदम उठाए।

 

5 अगस्त 2019 को, अनुच्छेद 370 और 35A को हटाकर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया।

 

इससे राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया गया।

 

7. पुलवामा हमले का प्रभाव

 

7.1 भारत-पाकिस्तान संबंधों पर प्रभाव

 

इस हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध और अधिक खराब हो गए।

 

पाकिस्तान की नापाक हरकतों के खिलाफ भारत ने वैश्विक मंचों पर आवाज उठाई।

 

 

7.2 राष्ट्रीय सुरक्षा नीतियों में बदलाव

 

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाने की नीति अपनाई।

 

सुरक्षा बलों के काफिले की आवाजाही के लिए नए नियम बनाए गए ताकि भविष्य में इस तरह के हमलों को रोका जा सके।

 

पुलवामा हमला भारत के लिए एक बड़ा धक्का था, लेकिन इसने देश को आतंकवाद के खिलाफ और अधिक सशक्त बनाया। बालाकोट एयर स्ट्राइक से यह संदेश गया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ नरमी नहीं बरतेगा। इस हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में बदलाव हुए और जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए।

 

यह घटना हमें याद दिलाती है कि आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता है ताकि ऐसी त्रासदियों को दोबारा होने से रोका जा सके।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *